जीवन एक संघर्ष
अभिनंदन।
प्रत्येक इन्सान का जीवन संघर्ष से ही प्रारंभ होकर संघर्ष पर ही समाप्त हो जाता हैं अर्थात् यह कहा जा सकता है कि संघर्ष और जीवन एक दूसरे के पर्याय हैं। संघर्ष हमारे जीवन का एक खूबसूरत हिस्सा हैं।हम किसी व्यक्ति की सफलता को तो देखते है परन्तु उस सफलता को प्राप्त करने के लिए जो संघर्ष किया गया है उसे जाने अनजाने अनदेखा कर देते है।भगवान श्रीराम राजा के पुत्र थे लेकिन उन्होंने चौदह साल वनवास में संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत किया और आज हम उन्हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम से जानते है और उन्हें पूजते भी है।ज्यादा दूर जाने कि कोई आवश्यकता नहीं है हमारे ही कॉलेज के डायरेक्टर डॉ.संजय बियानी जिन्होंने 55 बच्चों से एक छोटे से कमरे मे कोचिंग प्रारंभ की और आज उनका संघर्ष इतना कामयाब रहा की आज लगभग 7000 बच्चे उनकी शिक्षण संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और आज भी शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयास लगातार जारी है।
जरूरी नहीं कि लोग सफलता के लिए ही संघर्ष करे कुछ लोग अपने स्वास्थ्य के मुश्किलों से भी संघर्ष कर – कर के लड़ कर बाहर निकलना चाहते है।“अंतर्मन में संधर्ष और फिर भी मुस्कुराता हुआ चेहरा यही जीवन का सर्वश्रेष्ठ अभिनय है।”अंत में सिर्फ इतना ही कहना चाहुंगी की संघर्ष हमने त्याग और दूसरों के प्रति समर्पण कि भावना पैदा करता हैं। संघर्ष जीवन की वह किताब है जिसके पन्ने कभी खत्म नहीं होते।
धन्यवाद
Blog By:-
डॉ.पूनम मित्तल
सहायक प्राध्यापक
वाणिज्य विभाग
बियानी शिक्षण संस्थान