रिपोर्टर का सामान्य तौर पर मतलब है खबरों को तथ्यात्मक, सटीकता और निष्पक्ष तरीके से प्रस्तुत करना। जो रिपोर्ट लिखता है, प्रस्तुतीकरण का काम करता है उसे संवाददाता कहा जाता है। पहले की न्यूज़ पब्लिकेशंस में जो लोग खबरों को फील्ड से लाकर मुख्यालय में रिपोर्ट करते थे उन्हें संवाददाता कहते थे और बाकी जगह काम करने वाले या संवाद, खबर भेजने वाले को रिपोर्टर कहा जाता था। संवाददाता नई घटनाओं, जानकारियों को अपने हिसाब से नहीं प्रस्तुत करता है बल्कि उस खबर का लेखन प्रामाणिकता के हिसाब से करता है । लोकतंत्र में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ भी कहा जाता है। इसलिए यहां बहुत जरूरी हो जाता है कि रिपोर्टर अपने दर्शकों, पाठको पर अपनी विश्वसनीयता कायम रखे। संस्था, समाचार पत्र, सामाचार चैनल की मर्यादा भी सही रिपोर्ट से कायम रहती है। रिपोर्ट लिखते वक्त अपने व्यक्तिगत विचारों को तथ्यों मे ड़ालना नही चाहिए। एक संवाददाता किसी का शुभचिंतक हो सकता है, किसी पार्टी का वोटर हो सकता है लेकिन जब लिखता है, हाथ मे माइक पकड़ता है तो हजारो लाखों लोग उसे पढ़ते और देखते हैं, इसीलिए है कि खबरों को तोड़ मरोड़ कर पेश न किया जाए इस बात का ध्यान आधुनिक नारद को रखना होता है।
सोशल मीडिया के आज के दौर रिपोर्ट लिखना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है । सोशल मीडिया का दौर में चीजें बहुत जल्दी वायरल हो जाती है इसलिए अगर कुछ भी गलत है तो वह गलत ही वायरल हो जाता है इसलिए एक रिपोर्टर की जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है। समाचार रिपोर्टिंग में सभी प्रासंगिक तथ्यों की खोज करना, महत्वपूर्ण तथ्यों का चयन करना और प्रस्तुत करना होता है। पत्रकारिता पेशे का एक मुख्य कार्य समाचार रिपोर्टिंग है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने वाले जो लोग हैं उनको पल-पल का समाचार पहुंचाना होता है। एक अखबार रात को छपता है, तो उस रिपोर्टर के पास तथ्यों को जांचने परखने का समय होता है जबकि टीआरपी और सबसे पहले रहने का दबाव डिजिटल माध्यम पर होता है तो कम समय मे ही सारे फेक्टस की जांच कर करने का कौशल जरूरी हो जाता है ऐसे मे रिपोर्टर का अनुभव, सोर्स और विश्वसनियता ही काम आती है।
समाचार संकलन के हिसाब से अलग-अलग समाचारों के लिए संवाददाता भी अलग अलग होते हैं । सामान्य तौर पर संवाददाता इनपुट विभाग के अन्तर्गत कार्य करते हैं इनमे विदेशी मामलो के जानकार संवाददाता, खेल, सिनेमा, धर्म और आध्यात्म, बाजार, विज्ञान और तकनीकी, रक्षा जैसे विषयों के अलग-अलग संवाददाता होते हैं । यह पूरी तरह संस्थान की क्षमता और आकार प्रकार और बजट के उपर निर्भर करता है। एक व्यक्ति भी कई मामलो मे रिपोर्टिग करते हैं।
संसदीय, राजनैतिक और आमजन के महत्व की खबरों के खबरों के बीच मे से निकाल कर सबसे नया या सबसे अलग तरीके से पेश करने वाला विषेश संवादाता कहलाता है।ये सभी लोग मुख्य संपादक के देखरेख मे कार्य करते हैं।
मुख्य संपादक के अन्तर्गत डेस्क पर कार्य करने वाले लोग होते हैं । इन्हें कार्यालय संवाददाता भी कहा जाता है। यह विभाग संस्थान के तेवर के हिसाब से लेखन का कार्य करता है। एकत्रित समाचारों को छपने या टेलीकास्ट होने से पहले इनकी पैनी नजरों से होकर गुजरना होता है। ये इन्हें संपादित करते हैं, अशुद्धियों को दूर करते हैं और योग्य बनाते हैं ।
संजय कुमार सिंह
असिसटेंट प्रोफेसर
पत्रकारिता और जनसंचार